भारतीय वायुसेना ने सीमा पार छुपे बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के खिलाफ बीती रात बड़ी कार्रवाई की है.पुलवामा हमले के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार आतंकी कैंप्स पर करीब 1000 किलोग्राम के बम बरसाए.
इस हमले में करीब 200-300 आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के पांच जवानों की मौत हो गई. इस हमले के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव बढऩे की आशंका है, जिसे देखते हुए सीमा पर तैनात सभी सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है।ज्ञात हो कि पीएम मोदी ने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से पर हवाई हमले का आदेश दिया था. इसके बाद 26 फरवरी की रात करीब 3:30 बजे वायुसेना के 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने आतंकियों के बेस कैंप पर हमला किया और उसे पूरी तरह तबाह कर दिया. पीएमओ से जुड़े सूत्रों ने बताया एनएसए अजित डोभाल ने पीएम मोदी को जैश के टेरर कैंप पर इस एयरस्ट्राइक का ब्योरा दिया.सूत्रों ने बताया कि यह भारतीय थल सेना और एयरफोर्स का वेल कॉर्डिनेटेड हमला था. खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट एयरफोर्स से शेयर किये गए थे, जिसके बाद इस पिन पॉइंट ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. यह ऑपरेशन बेहद गुप्त रखा गया था. देर रात ठीक 3:30 बजे वायुसेना के मिराज विमान पाकिस्तान के कब्जे वाले हिस्से में घुसे. उन्होंने पीओके स्थित बालाकोट और चकोटी में जैश के ठिकानों पर 1000 किलोग्राम के लेजर गाइडेड बम दागे. इस हमले में जैश का कंट्रोल रूम पूरी तरह तबाह हो गया और उसके करीब 200-300 आतंकी मारे गए.इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने आरोप लगाया गया था कि भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया कि भारतीय वायु सेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करते हुए मुजफ्फराबाद सेक्टर में घुस आए. पाकिस्तान वायु सेना ने तुरंत कार्रवाई की. भारतीय विमान वापस चले गए.ज्ञात हो कि यह जगह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पड़ता है. ज्ञात हो कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.